घर के गमले में भी उगा सकते हैं पान का पत्ता, मार्केट से खरीदने की जरुरत नहीं

घर पर करें पान की खेती, जानिए पान की उन्नत किस्में

हमारी हिंदू संस्कृति में पान का एक अलग ही महत्व है। यह हमारे घरों में सदियों से देखा जाता है। पान के पत्तों का उपयोग हमारे यहाँ शुभ कार्यों और पूजा-पाठ में भी किया जाता है। यह न केवल धार्मिक उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका उपयोग खाने में भी किया जाता है। जब पान के पत्ते का इतना उपयोग होता है तो क्यों न इसे अपने बगीचों में भी शामिल किया जाए, आसानी से घर के गमले में ही उगाये पान का पत्ता।

घर पर करें पान की खेती

  • घर में पान का पौधा लगाने के लिए सबसे पहले अच्छे बीजों का चयन करें।
  • इसे किसी मिट्टी के बर्तन में रखकर दो से तीन दिन तक धूप में रखें।
  • जब मिट्टी थोड़ी हल्की हो जाए तो इसमें खाद डालें और दोबारा धूप में रख दें।
  • जब मिट्टी थोड़ी नरम हो जाए तो बीज को गमले में मिट्टी के दो से तीन इंच अंदर डाल दें और गमले को कम धूप वाली जगह पर रखें।
  • पौधे को उगाने के लिए जैविक या कम्पोस्ट खाद का प्रयोग बहुत अच्छा रहेगा।
  • रासायनिक खाद की जगह आपको गोबर की खाद का ही प्रयोग करना चाहिए।
  • पान के बीज लगाने के बाद समय-समय पर गमले में पानी देते रहें, ध्यान रखें कि पानी की मात्रा ज्यादा न हो।
  • जब मिट्टी सूख रही हो तो गमले में पानी डालें।
  • लगभग दो सप्ताह के बाद गमले में बीज अंकुरित होने लगेंगे।
  • बीज अंकुरित होने के बाद गमले में एक या दो बार खाद डालें।
  • खाद डालने के बाद पानी देना न भूलें।
  • तीन से चार सप्ताह के बाद, बीज वाले गमले में एक छोटी सी लकड़ी की छड़ी लगा दें।
  • लकड़ी पान के पौधे को उगाने में मदद करती है।
  • 5 से 6 सप्ताह के बाद पौधे में पान के पत्ते आने लगेंगे, फिर आप उस पत्ते का उपयोग पूजा में बहुत आसानी से कर पाएंगे।

पान की उन्नत किस्में

भारत में पान की 100 से ज्यादा किस्में पाई जाती हैं। पान की खेती से किसानों को भारी मुनाफा भी होता है।

  • अवानी पान।
  • बांग्ला और खासी पान।
  • देसी पान।
  • कलकत्ता, पातों, मघई और बांग्ला।
  • करियाले, मैसुराइले और अंबादैले।
  • गोडी बांग्ला।
  • नोवा चत्तक, सांची और बिरकोली पान।

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