बकरी पालन ट्रेनिंग: बकरी पालन का प्रशिक्षण प्राप्त कर किसान बढ़ाएं अपना मुनाफा, रजिस्ट्रेशन के लिए यहां करें संपर्क
बकरी पालन ट्रेनिंग के तहद किसान बकरी पालन में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जहाँ किसानों को कई प्रकार के लाभ मिल रहे हैं।
सरकार किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए नियमित खेती के साथ-साथ पशुपालन के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है। विभिन्न सरकारी योजनाएं पशुपालन प्रयासों को समर्थन देने के लिए सब्सिडी, ऋण और सुविधाएं प्रदान करती हैं, जिसमें गाय से लेकर बकरी पालन तक सब कुछ शामिल है। समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से आधुनिक बकरी पालन तकनीक सिखाई जाती है। विशेष रूप से, राज्य सरकार यूपी के इटावा में अपने उद्घाटन भेड़-बकरी केंद्र का उद्घाटन कर रही है, जो व्यापक प्रशिक्षण के माध्यम से बकरी पालन करने वाले किसानों के लिए मुनाफा बढ़ाने के लिए समर्पित है। साथ ही प्रशिक्षण केंद्र में किसानों के रहने और भोजन की व्यवस्था भी की गई है।
प्रशिक्षण के लिए पात्रता
इटावा में बकरी पालन प्रशिक्षण केंद्र में यूपी सरकार द्वारा सुविधा प्रदान किया जाने वाला बकरी पालन प्रशिक्षण, विशेष रूप से राज्य के मूल किसानों के लिए उपलब्ध है। अन्य राज्यों के किसान इस कार्यक्रम के लिए आवेदन करने के लिए अयोग्य हैं।
बकरी की नस्ल पर ध्यान दें
भेड़-बकरी प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण में लगभग सभी बकरी की नस्लों को शामिल किया जाता है, जिसमें बारबरी, जमुनापारी और काली बकरी की नस्लों पर विशेष जोर दिया जाता है, जो बकरी पालन में अपनी लाभप्रदता के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्रशिक्षण सुविधाएं और आवेदन प्रक्रिया
इटावा में प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले किसानों को परेशानी मुक्त अनुभव सुनिश्चित करने के लिए आवास और भोजन मिलेगा। यह आवासीय प्रशिक्षण किसानों को बकरी पालन की बारीकियों को सीखने के साथ-साथ साइट पर रहने की अनुमति देता है। यूपी के योग्य पशुपालक भेड़-बकरी केंद्र की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा से संपर्क कर सकते हैं।
प्रशिक्षण के लाभ
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में बकरी की देखभाल के आवश्यक पहलुओं को शामिल किया गया है, जिसमें आवास, पोषण, बीमारियाँ और उपचार शामिल हैं। कार्यक्रम के पूरा होने से किसानों को बकरी पालन में प्रमाणन मिलता है, जिससे उन्हें अपने बकरी पालन व्यवसाय को शुरू करने या विस्तारित करने के लिए नजदीकी बैंकों से ऋण प्राप्त करने में मदद मिलती है।
ऋण और सब्सिडी विवरण
जो लोग बकरी पालन में उद्यम करना चाहते हैं, उनके लिए बैंक 10 बकरियों से शुरुआत करने के लिए 50,000 रुपये से 1.5 लाख रुपये तक का ऋण देते हैं। 20 या अधिक बकरियों से जुड़े बड़े उद्यम उच्च ऋण के लिए पात्र हैं। आईडीबीआई और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंक बकरी पालन के लिए 50,000 रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक का लोन देते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रधान मंत्री मुद्रा ऋण इस उद्देश्य के लिए 50,000 रुपये से 10 लाख रुपये तक का व्यावसायिक ऋण प्रदान करता है। यूपी सरकार द्वारा 90% तक की सब्सिडी दी जाती है, जिससे किसान का खर्च मात्र 10% रह जाता है।
बकरी पालन के फायदे
बकरी पालन से दूध, मांस और यहां तक कि उसके मूत्र से खाद भी मिलती है। यह एक लागत प्रभावी अभ्यास है जिसके लिए भोजन और आश्रय की न्यूनतम व्यवस्था की आवश्यकता होती है। सरकारी सब्सिडी और बैंक ऋण किसानों के लिए इस आकर्षक उद्यम को और प्रोत्साहित करते हैं।
बैंक लोन में काम देगा यहां मिलने वाला सर्टिफिकेट
बकरी पालन की ट्रेनिंग का सबसे ज्यादा फायदा यह है कि इसका सर्टिफिकेट बैंक लोन में भी काम आएगा। प्रशिक्षण के दौरान पशुपालकों को बीमा दावा और बैंकिंग प्रणाली के बारे में भी बताया जाता है, ताकि किसानों को कर्ज लेने में दिक्कत न हो। फिलहाल, बरबरी, जमुनापारी एवं ब्लैक गोट बकरी की प्रजाति के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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