Pusa Mustard: सरसों की ये नई किस्म, किसानों को बनाएगी मालामाल

Pusa Mustard: वैज्ञानिकों ने सरसों की एक ऐसी शानदार किस्म विकसित की है जिसमें सामान्य सरसों के मुकाबले तीन गुना तेल की मात्रा पाई गई

Pusa Mustard-32 किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार के साथ ही कृषि वैज्ञानिक भी कार्य कर रहे हैं। किसानों को फसल से अधिक से अधिक मुनाफा मिले, इसके लिए कृषि वैज्ञानिक विभिन्न फसलों की नई-नई किस्मों की  खोज करते रहते हैं। इसी कड़ी में कृषि वैज्ञानिकों ने सरसों की एक ऐसी शानदार किस्म विकसित की है जिसमें सामान्य सरसों के मुकाबले तीन गुना तेल की मात्रा पाई गई है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि सरसों की इस नई किस्म से किसानों को पहले से अधिक लाभ होगा। बता दें कि मार्केट में सरसों के तेल की डिमांड हर मौसम में रहती है। ऐसे में किसान आगामी रबी सीजन में इस नई सरसों की किस्म की खेती करके तीन गुना मुनाफा कमा सकते हैं। आज हम आपको सरसों की नई किस्म पूसा मस्टर्ड-32 की जानकारी दे रहे हैं। तो आइए जानते हैं सरसों की इस नई किस्म विशेषता और इसके लाभ।

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पूसा मस्टर्ड-32 (Pusa Mustard-32) किस्म की विशेषता

सरसों की पूसा मस्टर्ड-32 किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्था (IARI) पूसा ने विकसित किया है। यह सरसों की पहली एकल शून्य किस्म है। इस किस्म की सबसे खास बात यह है कि इसमें सफेद रतुआ रोग लगने की संभावना बहुत कम है, क्योंकि यह किस्म सफेद रतुआ रोग के प्रति सहनशील है।

यह किस्म अच्छी पैदावार देने में समक्ष है। (Pusa Mustard) यह किस्म किसानों को सामान्य सरसों की तुलना में अधिक लाभ देगी। इस किस्म में करीब 17 से 18 सरसों के दाने पाए जाते हैं। इसमें तेल की मात्रा भी बेहतर है। यह किस्म प्रति हैक्टेयर 25 क्विंटल तक पैदावार दे सकती है।

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सरसों की ये किस्में भी है बेहतर

सरसों की पूसा मस्टर्ड-32 किस्म के अलावा सरसों की कई किस्में और भी है जो बेहतर उत्पादन देती है, (Pusa Mustard) इनमें से प्रमुख किस्मों के संबंध में जानकारी इस प्रकार से है

पूसा सरसों 28 (Pusa Mustard-28)किस्म

सरसों की पूसा सरसों 28 किस्म भी काफी अच्छी किस्म मानी जाती है। यह किस्म 105 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म से 17 से 20 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। (Pusa Mustard) इसमें तेल की मात्रा 21 प्रतिशत तक पाई जाती है। यह किस्म हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के लिए उपयुक्त है।

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पूसा मस्टर्ड- 21 (Pusa Mustard-21) किस्म

यह किस्म सिंचित क्षेत्रों में उगाई जाने वाली किस्म है। इस किस्म में तेल की मात्रा 37 प्रतिशत होती है। सरसों की इस किस्म से करीब 18 से 21 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। यह किस्म 137 से 152 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। यह किस्म पंजाब, दिल्ली, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के लिए उपयुक्त है।

पूसा बोल्ड किस्म

सरसों की पूसा बोल्ड किस्म की फलियां मोटी एवं इसके एक हजार दानों का वजन करीब 6 ग्राम होता है। इस किस्म से 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार प्राप्त होती है। इसमें तेल की मात्रा सबसे अधिक 42 प्रतिशत तक होती है। यह किस्म राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। (Pusa Mustard) यह किस्म 130 से 140 दिन में पक कर तैयार हो जाती है।

पूसा जय किसान (बायो-902)

सरसों की यह किस्म सिंचित क्षेत्रों में ज्यादा उगाई जाती है। यह किस्म विल्ट, तुलासिता और सफेद रोली रोग को सहने में समक्ष है। इसमें इन रोगों का प्रकोप कम होता है। सरसों की पूसा जय किसान (बायो-902) किस्म से 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार मिल सकती है। (Pusa Mustard) इसमें तेल की मात्रा करीब 38 से 40 प्रतिशत तक पाई जाती है। यह किस्म 130 से 135 दिन में पक कर तैयार हो जाती है।

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पूसा मस्टर्ड-32 के लाभ

  • पूसा मस्टर्ड-32 किस्म में इरुसिक एसिड की मात्रा बहुत कम है जिससे हृदय रोग का खतरा कम रहता है।
  • इस किस्म से 10 क्विंटल तक अधिक उत्पादन बढ़ेगा। जिससे किसानों का लाभ भी बढ़ जाएगा।
  • इस किस्म से किसानों को प्रति हेक्टेयर करीब 1.16 लाख रुपए की कमाई हो सकती है। जिससे उन्हें सामान्य सरसों की खेती से 46 हजार रुपए अधिक मिल सकते हैं।
  • इसके बीज से निकलने वाले तेल में झाग कम बनता है इससे बेहतर क्वालिटी का तेल प्राप्त होगा।
  • इसमें ग्लूकोसाइनोलेट की मात्रा बहुत कम यानि 30 माइक्रोमोल से भी कम होती है। जबकि सामान्य सरसों में इसकी मात्रा 120 होती है। 
  • माइक्रोमोल होती है और इसका उपयोग बिना जुगाली वाले पशु चारे के रूप में नहीं किया जा सकता है। जबकि नई किस्म का उपयोग पशु चारे के लिए किया जा सकता है।
  • सरसों की यह किस्म 100 दिन के बहुत कम समय में तैयार हो जाती है।

सरसों का एमएसपी/ सरसों का मंडी भाव

केंद्र सरकार की ओर से सरसों का 2023-24 के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य में 400 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। इससे अब सरसों का एमएसपी 5450 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है, (Pusa Mustard) जबकि इससे पूर्व सरसों का एमएसपी 5050 रुपए प्रति क्विंटल था। जबकि इस समय मंडियों में सरसों के भाव अलग-अलग चल रहे हैं जिसमें सरसों का औसत भाव 5290.37 रुपए प्रति क्विंटल है तो इसका उच्चतम भाव 6495.00 रुपए प्रति क्विंटल है।


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