बाढ़ या भारी बारिश से फसल खराब होने पर जल्द करवाए फसल बीमा |
किसानों को सरकार देने जा रही बड़ी खुशखबरी, मिलेगा मुआवजा ,जल्द करवाये फसल बीमा |
भारत किसानों का देश है। हमारे देश में लाखों किसान हैं, जो अपनी फसल को बोने में बहुत मेहनत करते है, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानो की फसल खराब हो जाती है और कई बार तो ऐसा भी होता है कि पूरी फसल ही बर्बाद हो जाती है। इस कारण किसानों को अपनी मेंहनत का फल नहीं मिल पाता, और किसान आगे खेती भी नहीं कर पाते और कर्ज में भी डूबे रहते हैं। किसानों को ऐसे संकट से राहत देने और बर्बाद हुई फसल की भरपाई हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरूआत की गई है। इसे 13 जनवरी 2016 को शुरू किया गया था।
अगर आप भी PMFBY के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं, या फिर योजना से जुड़ी शर्तें दस्तावेज या पूरी प्रक्रिया को समझना चाहते हैं, तो किसान भाइयों हमारा यह लेख आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है?
इस योजना के अनुसार सूखा की स्थिति तूफान अधिक ओलावृष्टि जलभराव की कीट रोग से हुई फसल को नुकसान की भरपाई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत की जाती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई हानि को किसानों के प्रीमियम का भुगतान देकर एक सीमा तक कम करायेगी। इस योजना के लिये 8,800 करोड़ रुपयों को खर्च किया जायेगा।
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कितना मिलता है क्लेम?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अलग-अलग फसलों के लिए बीमा राशि अलग-अलग है। कपास की फसल के लिए अधिकतम 36,282 रुपये, धान के लिए फसल के लिए 37,484 रुपये, बाजरा की फसल के लिए 17,639 रुपये, मक्का की फसल के लिए 18,742 रुपये और मूंग की फसल के लिए 16,497 रुपये प्रति एकड़ राशि मिल सकती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए पात्रता
इस योजना के लिए देश के सभी किसान आवेदन कर सकते है। देश के वे किसान इस योजना के पात्र होंगे जिन्होंने अभी कोई भी सरकारी बीमा योजना का लाभ ना लिया हो। लेकिन जिन किसानो ने पहले से किसी बीमा या योजना का लाभ ले रहे होंगे उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में आवेदन के पात्र नहीं होंगे।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कब और कैसे कराएं?
आप दुर्घटना के बाद बीमा खरीद कर उसका लाभ नहीं ले सकते। चूंकि यह एक बीमा है, ऐसे में किसानों को फसल बीमा के लिए बुवाई के10 दिनों के अंदर आवेदन करना होता है। इसके बाद फसल कटने से लेकर तैयार होने तक 14 दिनों 14 दिनों के बीच में अगर किसी प्राकृतिक आपदा के चलते किसान की फसल खराब हो जाती है तो इस योजना के अनुसार लाभ दिया जाता है।
बीमा लेने के बाद यदि फसल बर्बाद हुई तभी आपको पैसा मिलता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को एक एप्लिकेशन फार्म भरना होता है। यह फार्म ऑफलाइन और ऑनलाइन यानी दोनों तरह से भरा जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन के लिए किसानों को पीएम फसल बीमा योजना की वेबसाइट https://pmfby.gov.in पर जाकर आवेदन करना होता है। वहीं ऑफलाइन आवेदन के लिए किसान नजदीकी बैंक, को-आपरेटिव सोसायटी या फिर CSC (कामन सर्विस सेंटर) में जाकर आवेदन कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
आधार कार्ड, वोटर आईडी, पेन कार्ड इत्यादि (आधार कार्ड अनिवार्य) में से कोई एक एवं बैंक पासबुक की फोटोकापी लेकर बैंक जाएं। कृषि विभाग अधिकारियों के अनुसार, किसान अपनी फसलों का फसल बीमा आवश्यक रूप से कराएं, ताकि किसी प्रकार की फसल नुकसानी होने पर उसकी भरपाई हो सकें।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के लिए एक निर्धारित प्रीमियम का भी भुगतान करना होता है। किसानों को इस समय खरीफ फसलों के लिए बीमा राशि का 2% प्रीमियम, रबी फसलों का 1.5% प्रीमियमऔर व्यावसायिक एवं बागवानी फसलों के लिए अधिकतम 5% प्रीमियम का भुगतान करना होता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की भुगतान की जाने वाली प्रीमियम (किस्तों) दरों को किसानों की सुविधा के लिये बहुत कम रखा गया है ताकि सभी स्तर के किसान आसानी से फसल बीमा का लाभ ले सकें।
सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। यदि बचा हुआ प्रीमियम 90% होता है तो ये सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
प्रधानमंत्री फसल योजना के अन्तर्गत तकनीकी का अनिवार्य प्रयोग किया जायेगा, जिससे किसान सिर्फ मोबाईल के माध्यम से अपनी फसल के नुकसान के बारें में तुरंत आंकलन कर सकता है।
प्रीमियम की दरों में एकरुपता लाने के लिये, भारत में सभी जिलों को समूहों में दीर्घकालीन आधार पर बांट दिया जायेगा।
ये नयी फसल बीमा योजना ‘एक राष्ट्र एक योजना’ विषय पर आधारित है। ये पुरानी योजनाओं की सभी अच्छाईयों को धारण करते हुये उन योजनाओं की कमियों और बुराईयों को दूर करता है।
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हेल्पलाइन नंबर
किसान को 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी, संबंधित बैंक, स्थानीय कृषि विभाग सरकार / जिला अधिकारियों या हमारे टोल फ्री नंबर (1800 200 7710) के माध्यम से या राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर सूचना दी जा सकती है।