गेहूं की अगेती खेती किसान 20 अक्टूबर से शुरू करें अगेती गेहूं की बुवाई
गेहूं की अगेती खेती जानिए, गेहूं के उत्पादन से जुड़ी खास जानकारी
गेहूं की अगेती खेती देश में खरीफ सीजन अपने आखिरी चरण में है। धान की फसल तैयार है, इन दिनों देश में खरीफ फसल धान की कटाई जोरों पर है, वहीं देश के कई राज्यों में मंडियों में धान की आवक शुरू हो गई है। इस बीच, इंडियन काउंसिल ऑफ एकेडमिक रिसर्च (ICAR) ने रबी सीजन के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में इंडियन काउंसिल ऑफ एकेडमिक रिसर्च (आईसीएआर) ने किसानों को रबी सीजन में गेहूं की बुवाई के लिए तैयार रहने को कहा है।
ये भी पढ़े पीएम किसान योजना अपडेट: 12वीं किस्त 17 अक्टूबर को जारी होगी
आईसीएआर ने किसानों को 20 अक्टूबर से गेहूं की अगेती खेती की किस्म की बुवाई शुरू करने की सलाह भी दी है। इसके साथ ही आईसीएआर ने गेहूं की बुवाई के समय बरती जाने वाली सावधानियों, अधिक उत्पादन के प्रभावी तरीकों के बारे में भी जानकारी दी है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से जानते हैं कि भारतीय शैक्षणिक अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा किसानों को गेहूं की बुवाई के लिए क्या दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
1 सप्ताह के भीतर खेत की जुताई करें
भारतीय शैक्षणिक अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने अपनी सलाह में खरीफ फसलों की कटाई के बाद एक सप्ताह के भीतर खेत की जुताई करने की सलाह दी है। हालांकि किसानों को खेत में गहरी जुताई करने से मना किया गया है। क्योंकि गहरी जुताई के कारण (गेहूं की अगेती खेती) बीज बुवाई के समय जमीन में गहराई तक चले जाते हैं,
जिससे बीज में उचित अंकुरण नहीं हो पाता है। इंडियन काउंसिल ऑफ एकेडमिक रिसर्च (आईसीएआर) ने सलाह दी है कि अगर किसी किसान का खेत खरीफ की फसल की कटाई के बाद सूख गया है, तो ऐसे खेतों को जोतने से पहले खेत की सिंचाई करनी चाहिए और उसके बाद ही खेतों की जुताई करनी चाहिए।
ये भी पढ़े फसल नुकसान मुआवजा : किसानों को मिलेगे 876 करोड़
गेहूँ की अगेती खेती 10 नवम्बर तक लें बुवाई
भारतीय शैक्षणिक अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने किसानों को 20 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच गेहूं की शुरुआती किस्मों की बुवाई करने की सलाह दी है। 20 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच गेहूं की शुरुआती किस्मों की बुवाई के लिए केवल एक सिंचाई की आवश्यकता होगी।
गेहूं की समय से बुवाई के लिए 10 नवंबर से 25 नवंबर तक का समय। इनमें से 4 से 5 सिंचाई की सलाह दी गई है। भारतीय शैक्षणिक अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने देर से गेहूं की किस्म (देर से आने वाली) गेहूं की बुवाई दिसंबर में करने की सलाह दी है,
देर से आने वाले गेहूं को भी 4 से 5 सिंचाई की आवश्यकता होगी। भारतीय शैक्षणिक अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने जारी एडवाइजरी में स्पष्ट किया है कि समय से पहले गेहूं की बुवाई से उत्पादन में कमी आ सकती है।
ये भी पढ़े एमएसपी पर बेचे धान, ज्वार, बाजरा 15 अक्टूबर तक कराएं पंजीकरण
प्रमाणित बीजों का ही प्रयोग करें
इंडियन काउंसिल ऑफ एकेडमिक रिसर्च (आईसीएआर) की ओर से जारी एडवाइजरी में किसानों को गेहूं की बुवाई के लिए रोगमुक्त और प्रमाणित बीजों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। इंडियन काउंसिल ऑफ एकेडमिक रिसर्च (आईसीएआर) की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि बीजों का चयन करते समय एक ही किस्म के बीजों का ही इस्तेमाल करें।
दो किस्मों के बीजों को एक साथ न मिलाएं। साथ ही किसानों को सलाह दी गई है कि प्रमाणित बीज न होने पर बीज का उपचार करें। बीजों को प्रमाणित करने के लिए थिरम और कैप्टन का उपयोग किया जा सकता है। बीज उपचार की इस प्रक्रिया के बाद बीज को छाया में सुखाना चाहिए और बीज को अच्छी तरह से सुखाकर ही खेतों में बोना चाहिए।
ये भी पढ़े एग्रीकल्चर ड्रोन आसान करेगा काम, चंद मिनटों करेगा छिड़काव
गेहूं की अगेती खेती करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- गेहूं की बुवाई समय पर और पर्याप्त नमी होने पर करनी चाहिए।
- सीड ड्रिल मशीन से गेहूं की बुवाई करने से खाद और बीज दोनों की बचत की जा सकती है।
- गेहूँ की खेती के लिए 6 से 7.5 पीएच मान वाली दोमट और बलुई दोमट भूमि उपयुक्त होती है।
- गेहूं की खेती के लिए अनुकूल तापमान बुवाई के समय 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान उपयुक्त माना जाता है।
- गेहूँ की बुवाई करते समय सामान्य स्थिति में एक पंक्ति से दूसरी पंक्ति की दूरी 18 सेमी से 20 सेमी और गहराई 5 सेमी रखना चाहिए, और देर से बुवाई के मामले में 15 सेमी से 18 सेमी और गहराई 4 सेमी होनी चाहिए।
- गेहूँ की बुवाई करते समय खेत में केवल एक ही किस्म का चयन करें, बीज की किस्मों को आपस में न मिलाएं।
- यदि आप अपने घर में बीज बो रहे हैं तो बुवाई से पहले बीज के निक्षेपण प्रतिशत की जांच अवश्य कर लें, यह सुविधा किसानों को सरकारी अनुसंधान केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है।
- अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए धान की कटाई के तुरंत बाद गेहूं की बुवाई कर देनी चाहिए।
- बीजों में जल्दी अंकुरण प्राप्त करने के लिए (गेहूं की अगेती खेती) बीजों को कुछ देर पानी में भिगोकर छाया में सुखाना बहुत फायदेमंद होता है। इस प्रक्रिया को सीड प्राइमिंग कहा जाता है।
जुड़िये KrishiBiz से – ऐसे ही कृषि उपयोगी ज्ञानवर्धक, उपयोगी, आधुनिक तकनीक और कृषि योजनाओं आदि कृषि सम्बंधित जानकारियों के अपडेट सबसे पहले पाने के लिए हमारे WhatsApp के Group 01, Group 2, Group 3 को या हमारे Telegram ग्रुप ज्वाइन करें हमारे को Facebook पेज को like करें और अपने साथियो-मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।