खुश खबर ऋणी किसान भी सहकारी समिति से खरीद सकेंगे खाद-बीज
किसानों के लिए सरकार का बड़ा फैसला सहकारी समिति से खरीद सकेंगे खाद-बीज
किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। अब ऋणी किसान भी सहकारी समिति से नकद में खाद-बीज खरीद सकेंगे। सहकारी समिति ने किसानों को खाद-बीज नकद में बेचने का निर्णय लिया है। पिछले साल खाद और उर्वरक की कमी को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने रबी सीजन में किसानों को खाद की उपलब्धता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया है। इसके तहत किसानों को सस्ती दरों पर खाद और बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
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लाखों किसानों को होगा फायदा
हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उन किसानों को राहत दी गई है, जिन्होंने प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों से ऋण लिया है और उनका ऋण बकाया है। ऐसे किसान सहकारी समितियों से नकद में खाद और बीज भी खरीद सकेंगे। इससे राज्य के लाखों किसानों को लाभ होगा।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने सहकारी समितियों से कर्ज लिया है लेकिन वे इसके सदस्य नहीं हैं। पहले यह व्यवस्था थी कि सहकारी समितियों यानि पैक्स के सदस्य केवल किसान ही सहकारी समिति से खाद-बीज खरीद सकते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
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अब जो किसान इसके सदस्य नहीं हैं, वे भी सहकारी समिति से नकद में खाद-बीज खरीद सकेंगे। इस संबंध में मध्यप्रदेश सहकारिता विभाग की ओर से सभी प्राथमिक कृषि साख समितियों को किसानों को रासायनिक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।
इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से सहकारिता को निर्देश दिए गए हैं, जिस पर सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद सिंह भदौरिया ने विभागीय अधिकारियों को काम करने को कहा है।
होता था आर्थिक नुकसान
पहले कर्ज नहीं चुकाने से किसानों को काफी परेशानी होती थी। सरकारी समितियों से उन्हें खाद और बीज उपलब्ध नहीं थे। इस वजह से उन्हें बाजार से खाद और बीज ऊंचे दाम पर खरीदने को मजबूर होना पड़ा, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। नकली खाद और बीज का भी डर था। अब ये किसान सहकारी समितियों से उच्च गुणवत्ता वाले उर्वरक और बीज प्राप्त कर सकेंगे।
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प्रत्येक सहकारी समिति को 25 टन उर्वरक दिया जाएगा
आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण कई सहकारी समितियां बड़ी मात्रा में उर्वरक का भंडारण नहीं कर पा रही हैं, इसे देखते हुए सरकार की ओर से विपणन संघ को सहकारी समितियों को 25 टन उर्वरक क्रेडिट पर देने के निर्देश दिए गए हैं। कि कमजोर सहकारी समितियां भी किसान को खाद उपलब्ध करा सकें।
इस 25 टन खाद को बेचने के बाद समितियों से प्राप्त राशि से वह दोबारा खाद खरीद कर उसका भंडारण कर सकेगी। इससे किसानों को खाद की लगातार उपलब्धता बनी रहेगी, जिससे किसानों को खाद के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
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पिछले साल खाद नहीं मिलने से किसान परेशान थे
पिछले साल रबी सीजन में खाद की किल्लत से राज्य के किसान काफी परेशान थे। इसके लिए राज्य में काफी हंगामा हुआ था। किसान रात भर जागकर खाद के लिए लंबी-लंबी कतारें लगाते थे। दतिया, ग्वालियर, भिंड, डिंडोरी समेत कई जिलों में खाद के लिए किसानों की लंबी कतारें देखी गईं। इस रबी सीजन में ऐसी स्थिति न हो, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा पहले से ही तैयारी की जा रही है ताकि प्रदेश के किसानों को खाद-उर्वरक के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े।
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