गेहूं की कीमत में आया उछाल, अभी और बढ़ेंगे दाम
Wheat Price Hike 2022 पानीपत अनाज मंडी में इस बार गेहूं की आवक 4 लाख 72 हजार 621 क्विंटल हुई
Wheat Price Hike 2022 | थोक बाजार में गेहूं की कीमत ने इस समय सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। गेहूं दडा जो सबसे ज्यादा बिकता है और गेहूं की कीमत पूछते ही उसकी कीमत बताई जाती है, यह इस समय 2420 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इससे पहले गेहूं की अब तक की सबसे ज्यादा कीमत कोरोना काल में थी जब गेहूं 2,400 रुपये प्रति क्विंटल तक बिका था।
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व्यापारियों का कहना है कि गेहूं के दाम और बढ़ेंगे क्योंकि अब नई फसल अगले साल ही आनी है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण गेहूं को उन देशों में निर्यात किया गया जहां इसकी आवश्यकता थी। अप्रैल में जब नया गेहूं आया तो उसका थोक बाजार भाव 1,950 रुपये से 2,000 रुपये प्रति क्विंटल था।
जब निर्यात शुरू हुआ तो इसकी कीमत 2,175 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई। निर्यात को नियंत्रित करने के नियम लागू होते ही अगले ही दिन गेहूं गिरकर 2,025 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। कुछ दिनों तक कीमत स्थिर रही लेकिन कीमतें फिर से बढ़ने लगीं और अब यह 2420 रुपये पर है।
पहले गेहूं का ज्यादा स्टॉक नहीं था (Wheat Price Hike 2022)
Wheat Price Hike 2022 वर्तमान में स्टॉकिस्ट गेहूं में सक्रिय है। अकेले जिले के समालखा में दो लाख बोरी गेहूं का स्टॉक मंडी में बताया जा रहा है। सरकार ज्यादातर गेहूं खरीदती थी। मंडियों में इस बार सीजन में गेहूं की आवक कम रही।
खरीद का लक्ष्य भी पूरा नहीं हुआ। किसानों के साथ स्टॉकिस्ट भी तेजी के दौरान सक्रिय रहे। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण गेहूं का निर्यात हुआ, जिससे कीमत में वृद्धि हुई। बाद में निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
तब कीमत में गिरावट आई थी। समालखा मंडी एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रहे प्रवीण ने कहा कि गेहूं में अभी और तेजी की संभावना है। जल्द ही कीमत 2500 रुपये क्विंटल को पार कर सकती है। गेहूं सीजन में भाव कम रहता है, इस बार सीजन में समर्थन मूल्य से ज्यादा भाव पर गेहूं बिका।
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आधा गेहूं बाजार में आया
Wheat Price Hike 2022 पानीपत अनाज मंडी में इस बार गेहूं की आवक 4 लाख 72 हजार 621 क्विंटल हुई। जबकि पिछले साल सीजन के दौरान 7 लाख 23 हजार 662 क्विंटल गेहूं की आवक हुई थी। यानी आधा गेहूं बाजार में आ गया।
पानीपत की उप सचिव मंडी समिति अनिल मान के अनुसार मंडियों में गेहूं की आवक अधिक दाम के कारण कम रही। स्टॉकिस्ट सक्रिय रहते हैं। इस बार अनाज भी कमजोर, गेहूं की फसल भी घटी।
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रवा और मैदा से प्रतिबंध हटा
बताया जा रहा है कि आटा, रवा, मैदा के निर्यात पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध में से रवा और मैदा पर से प्रतिबंध हटा लिया गया है, जिससे पोषक और मालवा राज गेहूं में काफी वृद्धि हुई है।
आटे के निर्यात को लेकर अभी स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। आपको बता दें कि 13 मई से गेहूं के निर्यात पर लगी रोक के बाद 18 जुलाई से आटे के निर्यात पर भी रोक लगा दी गई है।
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गेहूं का स्टॉक बढ़ा
उल्लेखनीय है कि पहले गेहूं का स्टॉक ज्यादा नहीं था, इस समय गेहूं में स्टॉकिस्ट सक्रिय है। (Wheat Price Hike 2022) अकेले समालखा की मंडी में दो लाख बोरी गेहूं का स्टॉक बताया जा रहा है।
अधिकांश गेहूं की खरीद सरकार ने की, लेकिन इस बार मंडियों में गेहूं की आवक कम रही, जिससे खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका. मालूम हो कि गेहूं के भाव में तेजी से किसानों के साथ स्टॉकिस्ट भी सक्रिय हो गए हैं।
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