Barish Ki Fasal के रूप में लगाएं ये 5 फसल, होगी बंपर कमाई

किसान भाई Barish Ki Fasal के तहत करें खेती बहुत होगा फायदा, ये है मुख्य 5 फसल

देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून की बारिश जारी है। किसान कम लागत में Barish Ki Fasal की बुवाई कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। जिन किसानों के खेत में तालाब है, वे इस समय बारिश के पानी का भंडारण करके इसका अच्छा फायदा उठा सकते हैं।

बरसात के मौसम में कई प्रकार की फसलों का उत्पादन करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। इस मौसम में Barish Ki Fasal अच्छे से वृद्धि करती है। इस सीजन में कई फलदार पौधे भी लगाए जाते हैं, जिनमें अनार, अमरूद, आंवला, लीची, कटहल, अंगूर और नींबू वर्ग के पौधे लगाए जा सकते हैं।

लेकिन यहां हम Barish Ki Fasal की 5 चुनिंदा फसलों की खेती के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिनसे आप कम लागत में भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप इस फसलों के बारे में अधिक जानकारी लेना चाहते है तो हमारे इस लेख को पूरा पढ़े।

ये भी पढ़े- कृषि विषय की पढाई करने वाली छात्राओं को मिलेगी छात्रवृति, 30 नवम्बर लास्ट डेट

Barish Ki Fasal सिंघाड़ा

Barish Ki Fasal के तहत मानसून के दिनों में सिंघाड़ा की खेती काफी अच्छी से की जा सकती है। इसकी खेती आप अपने खेत में बने तालाब में कर सकते हैं। इसकी खेती में ज्यादा खर्च नहीं आता है।

सिंघाड़ा की खेती के लिए बरसात का समय बहुत अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस फसल को पानी की आवश्यकता होती है। मानसून की शुरुआत के साथ ही सिंघाड़े की बुवाई शुरू हो जाती है।

सिंघाड़ा की बुवाई जून-जुलाई में की जाती है। आम तौर पर छोटे तालाबों, पोखरों में पानी सिंघाड़ा के बीज बोए जाते हैं, लेकिन पौधों को खेतों में गड्ढे बनाकर और उनमें पानी भरकर लगाया जा सकता है।

जून से दिसंबर तक यानी 6 महीने की सिंघाड़े की फसल से काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। आप इसके पौधे सरकारी या निजी नर्सरी से भी ला सकते हैं। बाजार में सिंघाड़े की अच्छी कीमत मिल जाती है। इसके अलावा सूखे मेवे का आटा भी बाजार में बिकता है।

ये भी पढ़े- सब्जी बेचकर किसान ने की 10 लाख से अधिक की कमाई

Barish Ki Fasal कमल ककड़ी

कमल के फूल के बारे में तो आप जानते ही होंगे। इस पौधे के तने को कमल ककड़ी कहा जाता है। भारत में इसे सब्जी के रूप में खाया जाता है और इसका अचार भी बनाया जाता है।

इसमें कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसकी खेती साल में तीन बार की जा सकती है। इसमें बारिश के मौसम में आसानी से इसकी खेती की जा सकती है, क्योंकि कमल ककड़ी को भी अधिक पानी की आवश्यकता होती है।

किसान अपने खेतों में तालाब बनाकर इसके बीज बो सकते हैं। कमल ककड़ी के उत्पादन की बात करें तो एक एकड़ में लगभग 50-60 क्विंटल कमल ककड़ी का उत्पादन करना आसान है।

Barish Ki Fasal मशरूम

बरसात के मौसम में Barish Ki Fasal के तहत आपने छतरी के आकार के पौधे देखे होंगे जो छत्र के आकार के होते हैं। जिन्हें सर्प छाता भी कहा जाता है। इन छत्तों को मशरूम कहा जाता है।

इनकी कई प्रजातियां जहरीली होने के कारण खाने योग्य नहीं होती, जबकि इनकी कुछ प्रजातियां खाने के काम आती हैं। जिसमें बटन मशरूम, दूधिया मशरूम आदि होते हैं।

किसान भी इन मशरूम की खेती करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं। बरसात के मौसम में मशरूम तेजी से बढ़ते हैं। इस मौसम में इसे धान के भूसे पर उगाया जा सकता है। इसकी खेती के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है। इसे 6 बटा 6 वाले कमरे में भी उगाया जा सकता है।

बशर्ते कि कमरे में धूप आनी चाहिए। इसके लिए 15 से 22 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है। आप भारतीय बाजार में मशरूम की खेती से करीब 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक की शुरुआत करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

बाजार में बड़े मॉल और मशरूम की कीमत 250 रुपये से 300 रुपये प्रति किलो के बीच है। आपको बता दें कि मशरूम को सब्जी के रूप में खाने के अलावा इसका इस्तेमाल बॉडी बिल्डिंग प्रोडक्ट्स (पाउडर) बनाने में भी किया जाता है।

ये भी पढ़े- नींबू की खेती कैसे करें | बुवाई का समय और पैदावार की जानकारी

Barish Ki Fasal जामुन

जामुन का पौधा बारिश में लगाया जा सकता है। इसके बाग लगाने के लिए जून से अगस्त तक का महीना बहुत अच्छा माना जाता है। बाजार में इसकी अच्छी कीमत के कारण किसान इसका बाग लगाकर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।

जामुन के बागों के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। कठोर और रेतीली भूमि इसके लिए अच्छी नहीं होती है। इसे ठंडे क्षेत्रों को छोड़कर भारत में कहीं भी लगाया जा सकता है।

जामुन का पौधा बारिश में लगाया जा सकता है। हालांकि जामुन के पेड़ में करीब 8 साल पूरे होने के बाद फल आने लगते हैं। एक पौधे से 80 से 90 किलो जामुन प्राप्त होते हैं। जबकि एक हेक्टेयर में 250 से अधिक पौधे लगाए जा सकते हैं।

ये भी पढ़े- खेती में नुकसान फसल राहत योजना से मिलेगा 20 हजार का मुआवजा

Barish Ki Fasal अनार

Barish Ki Fasal के रूप में किसान अनार के बाग भी लगा सकते हैं। इसकी बुवाई के लिए बरसात का मौसम अच्छा होता है। गहरी बलुई दोमट भूमि अनार की खेती के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है।

लेकिन इसकी खेती क्षारीय मिट्टी में भी की जा सकती है। इतना ही नहीं खारे पानी से सिंचाई करके भी अनार की अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है। इसके पौधों के लिए ड्रिप सिंचाई का उपयोग करना अच्छा माना जाता है।

अनार के पौधे 120 से 130 दिनों के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। बाजार में इसके अच्छे दाम मिलते हैं। अनार को कच्चा खाया जाता है। इसका जूस भी सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है।


जुड़िये KrishiBiz से – ऐसे ही कृषि उपयोगी ज्ञानवर्धक, उपयोगी, आधुनिक तकनीक और कृषि योजनाओं आदि कृषि सम्बंधित जानकारियों के अपडेट सबसे पहले पाने के लिए हमारे WhatsApp के Group 01Group 2Group 3 को या हमारे Telegram ग्रुप ज्वाइन करें हमारे को Facebook पेज को like करें और अपने साथियो-मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।

KrishiBiz Team

KrishiBiz में आपका स्वागत हैं, हमारी टीम में एग्रीकल्चर एक्सपर्ट, तकीनीकी एवं पशुपालन विशेषज्ञ एवं योजनाओ के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। जय हिन्द! जय किसान!

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button