Solar Pump Yojna सरकार देगी किसानों को जमीन का किराया – डबल मुनाफा
सोलर पंप योजना 2022-23, सौर कृषि आजीविका योजना से किसानों को होगा दोहरा फायदा
सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में सोलर पंप योजना राजस्थान। 2022-23, सौर कृषि आजीविका योजना, स्काई योजना चलाई जा रही है। तीनों एक ही है इनका उद्देश्य पीएम कुसुम योजना के जैसा ही है। किसान भाइयों को इस योजना का लाभ जरूर उठाना चाहिए। इसके जरिए किसान भाइयों को अलग-अलग फायदे होंगे।
देश में पीएम कुसुम योजना के माध्यम से केंद्र सरकार किसानों को अपने खेतों में सोलर पंप लगाने पर सब्सिडी का लाभ दे रही है। इस योजना के पीछे सरकार का मकसद खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली पलब्ध करवाना है। जिससे किसानों को कृषि कार्य में कोई परेशानी न हो। राजस्थान सरकार ने भी उसी तर्ज पर प्रधानमंत्री कुसुम-कंपोनेंट सी (फीडर लेवल सोलराइजेशन) के तहत सोलर पंप योजना राजस्थान 2022-23 की शुरुआत की है।
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सरकार का दवा है की इस योजना के तहत राज्य के किसानों के खेत में 1 लाख सोलर पंप लगाए जायेंगे। इसके बदले में किसानों को उनकी जमीन का किराया भी दिया जायेगा। सरकार का कहना है की इससे किसानों को दोहरा फायदा होगा। पहला तो खेत की सिंचाई के लिए बिजली मिल जायेगी। जबकि दूसरा फायदा यह होगा की किसानों को उनकी जमीन का किराया भी मिलेगा। राजस्थान सरकार सौर कृषि आजीविका योजना के तहत किसानों को इसका लाभ किसानों को दिया जा रहा है।
सौर कृषि आजीविका योजना का महत्व
गौरतलब हैं कि कुसुम योजना देश में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है। किसानों को सौर कृषि आजीविका योजना का लाभ देने के लिए इस योजना में तीन घटकों को शामिल किया गया है। पहले घटक में किसान अपनी जमीन पर सोलर प्लांट लगाकर सरकार को बिजली बेच सकते हैं। वहीं किसान अपने खेतों में सोलर पंप लगाकर अपनी फसल की सिंचाई कर सकते हैं।
तीसरे घटक में किसान अपनी जमीन पर सोलर पंप लगाकर फसलों की सिंचाई के साथ-साथ सरकार को बिजली बेच सकते हैं, इसके अलावा सरकार जमीन पर लगे सोलर पंपों का किराया भी किसानों को देगी। राजस्थान में प्रदेश के किसानों को तीनों घटकों का लाभ दिया जा रहा है, जिन्हें सौर कृषि आजीविका योजना यानि स्काई योजना का नाम दिया गया है।
सौर कृषि आजीविका योजना को लेकर हुई बैठक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 22 जून को राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा ने सौर कृषि आजीविका योजना (स्काई) के तहत 1 लाख सोलर पंप लगाने के निर्देश दिए हैं। शर्मा बुधवार को यहां सचिवालय कक्ष में प्रधानमंत्री कुसुम-कंपोनेंट सी (फीडर लेवल सोलराइजेशन) के तहत आकाश योजना पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने स्काई योजना के तहत अधिकारियों को फीडर लेवल सोलराइजेशन योजना के तहत 1 लाख सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित 33/11 केवी जीएसएस की संख्या को बढ़ाकर 80 से अधिक करने के भी निर्देश दिए हैं।
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स्काई योजना के लिए किसान कर सकेंगे रजिस्ट्रेशन
स्काई योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जल्द ही पोर्टल शुरू किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपना पंजीकरण करा सकेंगे और जीएसएस की स्थापना के लिए अपनी जमीन को 25 साल तक के लिए लीज पर ले सकेंगे। इस ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इच्छुक डेवलपर भूमि का चयन करने और सौर ऊर्जा संयंत्र बनाने में भी सक्षम होंगे। योजना के तहत टोंक में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 4.24 मेगावाट का कार्य आवंटित किया गया है, जिसके तहत 656 किसानों को बिजली मिलेगी.
सौर कृषि आजीविका योजना की विशेषताएं
- किसान को जमीन के लिए आकर्षक लीज मनी (किराया) दी जाएगी।
- किसानों को आठ लाख तक की भूमि पर (डीएलसी दर के अनुसार) 80 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर वार्षिक लीज रेंट दिया जाएगा।
- 20 लाख से अधिक भूमि पर प्रति हेक्टेयर 1 लाख 60 हजार तक का लीज रेंट दिया जाएगा।
- हर दो साल में लीज रेंट में 5 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी।
सौर कृषि आजीविका योजना से किसानों को क्या होगा लाभ।
सौर कृषि आजीविका योजना से किसानों को मिलेंगे कई लाभ
- किसानों को अपने खेतों में सोलर पंप लगाने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी।
- इससे किसानों को सिंचाई के लिए 24 घंटे बिजली मिलेगी।
- किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली मिलेगी।
- किसान अतिरिक्त बिजली का उत्पादन कर उसे ग्रिड को बेच सकेंगे, जिससे उन्हें कमाई होगी।
- अगर किसान सोलर पंप लगाने के लिए अपनी जमीन देते हैं तो उन्हें किराया दिया जाएगा।
- सोलर पंप लगाने से किसानों को बिजली मिल से निजात मिलेगी।
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पीएम कुसुम योजना की जानकारी
पीएम कुसुम योजना की शुरुआत मोदी सरकार ने 2019 में की थी। यह योजना बिजली मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप लगाने पर सब्सिडी दी जाती है। इसमें केंद्र की ओर से 30 फीसदी और राज्य सरकार की ओर से 45 फीसदी तक सब्सिडी का लाभ किसानों को दिया जाता है।
इस तरह किसानों को सोलर पंप लगाने पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। इसमें किसानों को सिर्फ 25 फीसदी पैसा ही देना होता है। वहीं, इन सोलर पंपों पर बीमा कवर भी मिलता है। हरियाणा में सोलर पंप लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है। इस योजना के तहत पिछले सात वर्षों में लगभग 25897 सोलर पंप सेट लगाए गए हैं।
वहीं, वर्ष 2021-22 के लिए 22 हजार सोलर पंप लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से अब तक 15,000 सोलर पंप लगाए जा चुके हैं। शेष सात हजार सोलर पंप लगाने का काम इसी साल पूरा कर लिया जाएगा। वहीं, इस योजना के तहत 2022-23 तक 50 हजार सोलर पंप लगाए जाने हैं।
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