ट्रैक्टर सब्सिडी योजना: महिलाओं को मिनी ट्रैक्टरों की खरीद पर 90% सब्सिडी, जानिए पूरी जानकारी

इस योजना के अंतर्गत छोटे किसानों को 90% सब्सिडी पर ट्रैक्टर और सहायक कृषि उपकरण उपलब्ध कराये जायेंगे। किसानों को सिर्फ 35 हजार रुपये खुद खर्च करने होंगे।

देश के विभिन्न राज्यों में लागू की गई, ट्रैक्टर सब्सिडी योजना (tractor subsidy scheme) का उद्देश्य कृषि में ट्रैक्टरों की पहुंच को सुविधाजनक बनाना है, खासकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए। राज्य सरकारें, इस पहल के हिस्से के रूप में, लक्ष्य निर्धारित करती हैं और किसानों को ट्रैक्टर खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं, जिससे उनका वित्तीय बोझ कम हो जाता है।

महाराष्ट्र के समाज कल्याण विभाग ने मिनी ट्रैक्टर योजना शुरू की है जिसके तहत स्वयं सहायता समूहों में अनुसूचित जाति की महिलाएं ट्रैक्टर खरीदने पर 90% सब्सिडी प्राप्त कर सकती हैं। यह योजना अनुसूचित जाति (एससी) की महिलाओं को सशक्त बनाती है और किसान स्वयं सहायता समूहों के लिए अतिरिक्त आय उत्पन्न करती है।

योगदान 10% तक सीमित

महाराष्ट्र सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित, अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए मिनी ट्रैक्टर योजना 90% सब्सिडी पर मिनी ट्रैक्टर और रोटावेटर और ट्रेलर जैसे संबंधित सामान की आपूर्ति सुनिश्चित करती है। इस योजना के तहत मिनी ट्रैक्टर और उसके घटकों की कुल लागत 3,50,000 रुपये है।

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स्वयं सहायता समूहों को मिनी ट्रैक्टर और सहायक उपकरण खरीदने के लिए 3,15,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है, जिसमें अनुसूचित जनजाति स्वयं सहायता समूहों से केवल 10% योगदान की आवश्यकता होती है, जो 35,000 रुपये के बराबर है। महाराष्ट्र में कई किसानों के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए, ये सरकारी पहल महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करती हैं।

मिनी ट्रैक्टर के लिए पात्रता एवं मानदंड

राज्य में अनुसूचित जाति और नव-बौद्ध स्वयं सहायता समूहों की आर्थिक स्थिति को बढ़ाने के लिए, सरकार रियायती दरों पर मिनी ट्रैक्टर और ट्रॉली और रोटावेटर जैसे सहायक उपकरण प्रदान करती है। मिनी ट्रैक्टर सब्सिडी योजना के तहत, एक मिनी ट्रैक्टर और उसके घटकों की कुल अनुमानित लागत 3,50,000 रुपये है, जिसमें सरकार लाभार्थी समूह को 3,15,000 रुपये का अनुदान प्रदान करती है।

यह योजना महाराष्ट्र के अनुसूचित जाति के निवासियों और नव-बौद्ध स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के लिए उपलब्ध है। पात्रता मानदंड में समूह के 80% सदस्य अनुसूचित जाति और एक नव-बौद्ध सदस्य होना शामिल है, स्वयं सहायता समूहों के अध्यक्ष और सचिव अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित हैं। शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य से अधिक आवेदन आने पर स्वयं सहायता समूहों का चयन लॉटरी प्रक्रिया से होगा।

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आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज 

मिनी ट्रैक्टर योजना के लिए आवेदन करते समय, स्वयं सहायता समूहों को आवश्यक दस्तावेज प्रदान करने होंगे, जिनमें शामिल हैं:

  • आधार कार्ड
  • राशन कार्ड
  • निवासी प्रमाण पत्र
  • मोबाईल नंबर
  • ईमेल आईडी
  • पासपोर्ट साईज फोटो
  • बैंक के खाते का विवरण
  • स्व-संघ का प्रमाण पत्र

आवेदन प्रक्रिया

स्वयं सहायता समूहों या व्यक्तिगत लाभार्थियों को आवेदन प्रक्रिया शुरू करने के लिए जिला समाज कल्याण कार्यालय में सहायक आयुक्त से संपर्क करना चाहिए। आवेदन पत्र प्राप्त करने और उसे सही-सही भरने के बाद सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने के बाद आवेदन को जिला समाज कल्याण कार्यालय में सहायक आयुक्त के पास जमा कर दें। अधिक जानकारी के लिए योजना की वेबसाइट https://mini.mahasamajkalyan.in और https://sjsa.maharashtra.gov.in/mr पर जाएं।

आवेदन के बाद ऐसे होगा चयन

सबसे पहले आवेदक को पूर्ण एवं सटीक जानकारी भरकर आवेदन पत्र को विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन जमा कराना होगा। यदि आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन वैध है तो इस आवेदन का सारांश प्रिंट सभी सदस्यों के हस्ताक्षर द्वारा प्रमाणित कर ऑनलाइन जमा करना होगा। लक्ष्य से अधिक आवेदन मिलने की स्थिति में सभी वैध आवेदनों में से लॉटरी के माध्यम से लाभार्थियों का चयन किया जाएगा।

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इसके बाद बिल रसीद जमा करानी होगी। लाभार्थियों द्वारा खरीदी गई सामग्री एवं वाहन की रसीद ऑनलाइन जमा करानी होगी। जमा रसीद में विक्रेता का जीएसटी नंबर, खरीद नंबर, खरीद की तारीख, वाहन चेचिस नंबर, उपकरण क्रमांक आदि का विस्तृत विवरण दर्ज होा चाहिए। इसके अलावा क्रय की मूल रसीद सहायक आयुक्त समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में जमा करानी होगी।

वाहन लाइसेंस जमा कराना भी अनिवार्य

योजना के अंतर्गत लाभार्थयों को खरीदे गए वाहनों के लिए आरटीओ के माध्यम से वाहन लाइसेंस ऑनलाइन जमा कराना होगा। इसके अलावा वाहन लाइसेंस की मूल प्रति सहायक आयुक्त समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में जमा करना अनिवार्य है।


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Archana Sharma

श्रीमती अर्चना शर्मा Krishibiz.com के सीनियर एडिटर और संस्थापक हैं। वह मध्य प्रदेश के निवासी हैं और 8 साल से डिजिटल मीडिया में काम कर रही हैं। उन्होंने स्कूल, कॉलेज, और कई शैक्षणिक संस्थानों में सेवाएं दी हैं। उनका परिवार कृषकों से जुड़ा हुआ है, खेती और बागबानी से संबंधित विषयों की जानकर हैं। वर्तमान में, श्रीमती अर्चना आधुनिक खेती और किसानों की आय में वृद्धि के लिए शोध कर रही हैं।

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