सरकार के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, नासिक से मुंबई के लिए चल पड़े हजारों किसान
दिल्ली में 20 मार्च को किसान महापंचायत करने का ऐलान, राकेश टिकैत बोले - तैयार रहें किसान
किसानों का एक बड़ा समूह वर्तमान में भारतीय राज्य महाराष्ट्र में नासिक से मुंबई तक पैदल यात्रा कर रहा है, विभिन्न सरकारी नीतियों के खिलाफ विरोध करने के लिए, जो मानते हैं कि उनकी आजीविका के लिए हानिकारक हैं। किसानों से उम्मीद की जाती है कि वे विधान भवन, राज्य विधान सभा में एक मजबूत विरोध प्रदर्शन करेंगे, जिसमें मांग की जाएगी कि उनकी चिंताओं को सरकार द्वारा सुना और संबोधित किया जाए। मार्च पूरे भारत में किसानों के एक बड़े आंदोलन का हिस्सा है, जो नए कृषि कानूनों के खिलाफ महीनों से विरोध कर रहे हैं, उन्हें डर है कि वे उन्हें बड़े निगमों की दया पर छोड़ देंगे और उनकी सौदेबाजी की शक्ति को कम कर देंगे।
वर्ष 2023 में, भारत में किसानों ने विभिन्न सरकारी नीतियों के विरोध में और अपने अधिकारों की मांग के लिए नासिक से मुंबई तक पैदल मार्च शुरू किया है। बता दें कि नासिक से 2018 के बाद से यह इस तरह का तीसरा आंदोलन है जिसमें किसान 170 किलोमीटर पैदल चलकर राजधानी मुंबई आएंगे, जिसमें महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों के किसान इसमें भाग लेंगे। किसानों की कई मांगें हैं, जिनमें कृषि, भूमि अधिग्रहण, कर्ज से राहत और उनके अधिकारों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। किसानों को उम्मीद है कि उनके विरोध से सरकार का ध्यान आकर्षित होगा और उनकी शिकायतों का समाधान होगा।
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किसानों की प्रमुख मांगे
- प्याज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य।
- लंबित बिजली बिलों की माफी।
- कृषि उपज और दुग्ध उत्पादों के लिए उचित मूल्य।
- पूर्ण ऋण माफी।
- 12 घंटे की दैनिक बिजली आपूर्ति।
- वन अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन में देरी।
- आदिवासियों के संकट को दूर करना।
किसानों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
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पूरे प्रदेश में किसान आंदोलन और तेज किया जाएगा
पूरे राज्य में किसान आंदोलन तेज होने की उम्मीद है क्योंकि ओर अधिक किसान विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे और सरकार से कार्रवाई की मांग करेंगे। किसान अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और कृषि, भूमि अधिग्रहण और ऋण राहत में आने वाली चुनौतियों के समाधान की मांग कर रहे हैं। राज्य भर में किसानों की बढ़ती भागीदारी और समर्थन के साथ, विरोध के गति पकड़ने और अधिक व्यापक होने की संभावना है। किसान आंदोलन कृषक समुदाय की चिंताओं और जरूरतों को संबोधित करने के महत्व पर प्रकाश डालता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था और देश की खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।
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नासिक में इस तरह का तीसरा आंदोलन
यात्रा में शामिल सभी किसान अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले नासिक में इकट्ठा हुए। साल 2018 के बाद नासिक में इस तरह का यह तीसरा आंदोलन है। हालांकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और Deputy CM देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मंत्रालय में वार्ता के लिए आयोजकों को आमंत्रित किया। लेकिन इसे दरकिनार कर किसानों ने म्हसरुल से मुंबई के लिए अपनी लंबी पैदल यात्रा शुरू कर दी। अखिल भारतीय किसान सभा की महाराष्ट्र इकाई के महासचिव अजीत नवाले ने आरोप लगाया कि सरकार का इरादा किसानों को राहत देने का नहीं है। उन्होंने कहा, ‘प्याज के दाम जब भी गिरे हैं, वही पुरानी कहानी रही है। हम भी दूध उत्पादकों के मुद्दे उठाते रहे हैं। लेकिन सरकार केवल आश्वासन दे रही है। हम लोगों को न्याय नहीं मिला है। किसान न्याय के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहेंगे। हमारा मार्च उसी दिशा में एक कदम है। हम 20 मार्च तक मुंबई पहुंच जाएंगे।
दिल्ली में 20 मार्च को किसान महापंचायत करने का ऐलान, राकेश टिकैत बोले – तैयार रहें किसान
महापंचायत के दौरान मंच से राकेश टिकैत द्वारा ये ऐलान किया गया कि 20 मार्च को दिल्ली में स्थित संसद के नजदीक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए सभी किसान तैयार रहे।
इस महापंचायत के दौरान खुद SSP मुजफ्फरनगर संजीव सुमन ने मंच से किसानों को संबोधित करते हुए उनकी सभी मांगों को लेकर आश्वासन दिया है, जिसके बाद राकेश टिकैत के द्वारा मंच से ऐलान करते हुए पिछले 13 दिनों से चल रहे धरने को समाप्त करा दिया गया। मीडिया से बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अधिकारियों ने कहा कि हम सरकार के कहने से आए हैं।
टिकैत ने कहा कि मीटर का मुद्दा बड़ा है, जबरदस्ती किसी किसान का मीटर नहीं लगेगा और जो लगवाना चाहता है वो लगवा ले। उन्होंने कहा कि 13 दिनों से धरना चल रहा था आज उसका समापन हो गया है। साथ ही उन्होंने किसानों से 20 मार्च की महापंचायत की तैयारी करने का आह्वान किया और कहा कि अपने आंदोलन को मजबूत रखें, अपने ट्रैक्टर को मजबूत रखें। 20 तारीख को दिल्ली में पार्लियामेंट के पास पंचायत होगी।
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