मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल से शुरू हो गई पशु एम्बुलेंस सेवा, हेल्प लाइन नंबर 1962

1962 पर फोन लगाते ही बीमार पशुओं के लिए आएगी एम्बुलेंस

मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल से शुरू पशु एम्बुलेंस सेवा, गौ सेवा क्षेत्र में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा फैसला मध्य प्रदेश में अब बीमार पशुओं को जल्द इलाज हो सकेगा। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में 1 अप्रैल से पशु एम्बुलेंस दौड़ना शुरू हो गई। अभी तक इस तरह की सेवा देश के कुछ गिने चुने राज्यों में ही चल रही थी अब प्रदेश में इस सेवा की शुरुआत मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने की है।

पशुओं के इलाज में देरी या अन्य वजहों से पशुओं के जोखिम कम

मध्य प्रदेश में इलाज में देरी या अन्य वजहों से पशुओं के जोखिम कम होंगे। इंसानों की तरह अब पशुओं के लिए भी एम्बुलेंस सेवा शुरू करने का सरकार ने निर्णय लिया है। इस दिशा में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और सरकार के प्रयास एक अप्रैल से नजर आना शुरू। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस सिलसिले में पशुपालन और डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने एक बैठक भी की। जिसमें पशुपालन विभाग की परामर्शदात्री समिति को बताया गया कि डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के साथ पशुओं की बेहतर ढंग से देखभाल के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी हैं।

यह भी पढ़े- गर्मियों में पशुओं को लू लगने के लक्षण और लू से बचाने के लिये उपाय

1238 लोगों को रोजगार से जोड़ा

पशुपालन विभाग ने एम्बुलेंस में एक डॉक्टर, एक कम्पाउण्डर, एक ड्रायवर सहित कॉल-सेंटर के लिये 1238 लोगों को रोजगार से जोड़ा है। एम्बुलेंस में सभी जरुरी सुविधाएं रहेंगी। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक में कहा कि धार्मिक व्यक्ति और संस्थान गो-शालाओं का संचालन बेहतर ढंग से करते हैं। जिन ग्राम सभाओं में गो-शालाओं का व्यवस्थित संचालन नहीं हो रहा है, वहां की जिम्मेदारी NGO को दें। हाल ही में लम्पी बीमारी से बचाव के लिये गायों को 37 लाख 13 हजार से अधिक टीकों में संस्थाओं का बड़ा योगदान रहा।

यह भी पढ़े- अप्रैल माह में बोई जाने वाली फसलों के बारे में जानकारी

यह भी पढ़े- आम में लगने वाले प्रमुख कीट,रोग एवं उनका नियंत्रण

10 गौ-शालाओं को जोड़ कर एक गौ-वंश वन विहार बनाया जाएगा

मंत्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुसार ब्लॉक में अलग-अलग और छोटी-छोटी गो-शालाओं की जगह एक बड़ी गो-शाला में बेसहारा गायों को रखें। इससे गायों की देखभाल अच्छी होने के साथ गोबर और गो-मूत्र अधिक होने से उनकी आत्म-निर्भरता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि 10 गौ-शालाओं को जोड़ कर एक गौ-वंश वन विहार बनाया जाएगा।


जुड़िये KrishiBiz से – ऐसे ही कृषि उपयोगी ज्ञानवर्धक, उपयोगी, आधुनिक तकनीक और कृषि योजनाओं आदि कृषि सम्बंधित जानकारियों के अपडेट सबसे पहले पाने के लिए हमारे WhatsApp Group या हमारे Telegram ग्रुप ज्वाइन करें हमारे को Facebook पेज को like करें और अपने साथियो-मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।

 

 

 

KrishiBiz Team

KrishiBiz में आपका स्वागत हैं, हमारी टीम में एग्रीकल्चर एक्सपर्ट, तकीनीकी एवं पशुपालन विशेषज्ञ एवं योजनाओ के विशेषज्ञ द्वारा गहन शोध कर Article प्रकाशित किये जाते हैं आपसे निवेदन हैं इसी प्रकार हमारा सहयोग करते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंगे। जय हिन्द! जय किसान!

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button