अगर चाहिए फसल का बम्पर उत्पादन तो बोवनी से पहले घर पर ही कैसे करें किस्म और बीज अंकुरण परीक्षण आइये जानते हैं...

खरीफ फसलों की बुवाई के समय विशेष ध्यान रखे 

किसानों के पास जो बीज उपलब्ध हैं, उन्हें अंकुरण के बाद देखना चाहिए। यदि अंकुरण कम हो तो बीज दर में वृद्धि करें और यदि अंकुर अच्छा हो तो बीज दर कम करें।

घर पर ही कर सकते हैं परिक्षण

बीज के अंकुरण परीक्षण के लिए आप घर पर ही गीले टाट या अखबार में 100 दाने लेकर घर पर बीज की औसत अंकुरण क्षमता का पता लगा सकते हैं।

परीक्षण से मालूम होगी बीज की गुणवत्ता और उत्पत्ति दर 

बुवाई से पहले बीज अंकुरण परीक्षण कर लें और 70 प्रतिशत अंकुरण दर से कम अंकुरण प्रतिशत दर वाले बीज का उपयोग न करें। 

क्यों महत्वपूर्ण है बीज अंकुरण परीक्षण

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार किसानों को बीज अंकुरण परीक्षण के बारे में समझना चाहिए क्योंकि अगर सही समय पर बीज की गुणवत्ता का नहीं मालूम, तो पैसा जायेगा पानी में

कौनसी विधियों से करें बीज का अंकुरण परीक्षण

1. टेबल पेपर परीक्षण विधि  2. पेट्री प्लेट परिक्षण विधि  3. हेसियन परिक्षण विधि  4. रेत परिक्षण विधि

टेबल पेपर विधि

इस विधि में विशेष प्रकार के कागज का प्रयोग किया जाता है, जिसमें जल सोखने की क्षमता बहुत अधिक होती है। इससे बीजों में नमी कई दिनों तक बनी रहती है और उन पर कोई विषैला प्रभाव नहीं पड़ता है।

पेट्री प्लेट विधि

बीजों को पेट्री प्लेट रखा जाता है। इसे 2-4 दिनों के अंतराल पर गीला करते रहें। फिर पेट्री प्लेट को मशीन में रखा जाता है और 8-10 दिनों के बाद अंकुरित बीजों के दर की गणना की जाती है।

हेसियन विधि 

बोरे के टुकड़े को समतल सतह पर गीला करके, बीजों को इकट्ठा करके, मोड़कर लपेट कर एक दीवार पर खड़ा कर देते हैं। इसके लिए नम और छायादार जगह का चुनाव किया जाता है।

रेत विधि 

एक ट्रे को साफ धुली और महीन बालू से भर दिया जाता है, उसमें बीज के नमूने अंकुरण के लिए रखे जाते हैं और रेत को समय-समय पर पानी से सिक्त किया जाता है।