नई विधि राइपनिंग का उपयोग कर किसानों और व्यापारी हो सकते है मालामाल | राइपनिंग फलों में होने वाली वह प्रक्रिया है जो उन्हें अधिक स्वादिष्ट बनाती है।

नई विधि राइपनिंग

फलो का जल्द ख़राब  हो जाना 

फलों के बाग़ लगाने वाले किसान और फलों को खरीद करने वाले व्यापारियों को कई बार आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसके पीछे का कारण फलों का जल्द ख़राब हो जाना है।

नई तकनीक 

किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए ऐसी तकनीक आ गई है, जिससे किसानों को बहुत फायदा होने वाला है।

नई तकनीक का उपयोग 

फलों को पकाने की नई विधि राइपनिंग इस तकनीक का उपयोग कर  किसान फलों को लम्बे टाइम तक अच्छे रख सकते है।

 राइपनिंग तकनीक क्या है 

यह फल पकाने की सबसे प्रचलित और आसान तकनीक है। इस तकनीक में फल पकाने के लिए छोटे-छोटे चैंबर वाला कोल्ड स्टोरेज बनाये जाते है।

एथिलीन गैस 

इस चैंबर में एथिलीन गैस को छोड़ दिया जाता है, इससे फल जल्दी पकने लगते हैं। इस तकनीक से फलों को पकाने पर फलों को किसी तरह का खतरा नहीं होता है।

राइपनिंग तकनीक फलों को पकाने के लिए सबसे सुरक्षित और आसान तकनीक है। इसका उपयोग करके किसान भाई फलों को लंबे समय तक ताजा रख सकते हैं। इस तकनीक का प्रयोग करने से फलों की क्वालिटी में अंतर नहीं आता है।

फल को पकाने के लिए इसे बोरे, पैरा और भूसे और अनाज के बीच में दबाकर रखने से भी फल समय से पहले पकाया जा सकता है। फल को कागज में लपेटकर रखने से भी फल अच्छे से पक जाता है।

  कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए सरकार की ओर से सहायता दी जाती है। इसके तहत सरकार से कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए किसानों को करीब 35 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी जाती है।

सरकार से मिलती है सब्सिडी