महंगे डीजल-खाद ने बढ़ाई किसानों की मुश्किल

कृषि व्यवसाय में लागत बढ़ी लेकिन उत्पादन वही मिल रहा। पिछले साल की अपेक्षा 2022 में फसल लागत में 20% की वृद्धि हुई हैं। जानिए क्या हैं इसके पीछे की वजह।

आसमान छूती महंगाई - किसान परेशान

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में खेती की cost बढ़ रही है और वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 2021-22 में इसमें 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है

कृषि से जुडी हर चीज पर हुई महंगी

आंकड़ों की मने तो खाद-बीज, कीटनाशक, बिजली और डीजल की लागत को समायोजित करके खेती की लागत में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

ट्रैक्टर & पार्ट्स भी हो गए है महंगे

पिछले पांच वर्षों में 50 प्रतिशत से अधिक महंगा हो गया है। इसके साथ ही डीजल, खाद, बीज, मजदूरी आदि की लागत में वृद्धि के कारण खेती की लागत में तेजी से वृद्धि हुई हैं।

लागत बढ़ने से घटी ग्रामीण मांग

मानसून और खाद्य कीमतों में तेजी की उम्मीद से आय वित्त वर्ष 2022-23 में बेहतर रहेगी, लेकिन मजदूरी और कृषि लागत में तेज वृद्धि के कारण मांग धीमी। 

अधिकृत रिपोर्ट के अनुसार

खरीफ फसल की आय वित्त वर्ष 2022-23 में 10.1 फीसदी बढ़ने की उम्मीद. जो 2021-22 में 9.5 फीसदी थी।  रबी की शुद्ध आय पिछले साल के तीन प्रतिशत से 12 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद

मशीनों पर निर्भर हैं किसान

खेतों की जुताई, खाद का परिवहन, सब कुछ ट्रैक्टर से होता है। पिछले कुछ समय से जिस तरह से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिससे किसानों की लागत बढ़ जाएगी।

क्या होगा सरकार का अगला कदम 

बढ़ती महंगाई से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और डीजल को लेकर किसानों को खेती के लिए राहत दी जानी चाहिए।