बढ़ती हुई महंगाई के बीच किसानों के लिए एक बार फिर से बुरी खबर सामने आ रही है
रूस-यूक्रेन संघर्ष सहित कई कारण सामने हैं जो अंतरराष्ट्रीय बाजार (International market) में खाद की कीमतों में तेजी ला रहा है
अगर खाद की कीमत में इसी तरह तेजी आती रही, तो इस वित्तीय वर्ष में इनकी खरीद की लागत 2 लाख करोड रुपए तक जा सकती है।
सरकार किसानों पर इसका बोझ डालने वाली नहीं है। सरकार का प्रयास है कि किसानों को उचित कीमतों पर यूरिया (Urea) और डीएपी (DAP) जैसी जरूरी उर्वरक आसानी से उपलब्ध हो सके।
बढ़ी हुई कीमतों के कारण सरकार सब्सिडी (subsidy) बिल को भी आगे बढ़ा रही है। उर्वरकों की बढ़ती हुई महंगाई के कारण लागत में बढ़ोतरी आएगी। ।
किसानों को खाद में सब्सिडी दी जा रही है वहीं एक अन्य सूत्र ने कहा है कि रूस और ईरान में लगाए गए प्रतिबंध खाद की कीमतों में उछाल आने का मुख्य कारण है।